FASCINATION ABOUT SHIV CHALISA IN HINDI

Fascination About shiv chalisa in hindi

Fascination About shiv chalisa in hindi

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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

शिव आरती

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं Shiv chaisa चालीसा।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन shiv chalisa lyricsl नहीं ताके रहे कलेशा॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

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